Navanita

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सपना (कविता)

सपना 


मैने  एक सपना देखा,
उस  सपने में समस्त विश्वजन को अपना देखा |

एक बाग में बड़े खुबसूरत फूल खिले थे ,
उसी फूल के  सभी पंखुड़ी बने थे |

उनमें एकता की भावना  प्रबल थी ,
यही उनके जीवन का संबल थी |

ईमानदारी उनके जीवन का आईना था ,
यही सबसे बड़ा उनके जीवन का माइना था |

मुझपे उनका आर्शीवाद था ,
मेरे लिए यह एक मंदिर का प्रसाद था |

तत्क्षण मेरी नींद गई खुल,
सपने में मैने देखा चारो तरफ उड़ रही थी कलियुग की धूल,
मैं इस सपने को नही चाहती थी जाना भूल |




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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

28-Sep-2021 11:15 AM

बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ

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Behad Shandar ❤️

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Miss Lipsa

27-Sep-2021 06:00 PM

Nice

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